Surah Baqarah Last 2 Ayat in Hindi

आज के इस पोस्ट में, हम आप को Surah Baqarah Last 2 Ayat in Hindi, English बताएँगे।

दोस्तों! सूरह बक़रा, क़ुरआन की दूसरी नंबर की सूरह है, यह सूरह एक बहुत अहम सूरत है। जिसमें बेशुमार पैग़ाम और तालीम हैं।लेकिन आज हम इस सूरह की आख़िरी दो आयात यानी आयत नंबर 285 और 286 बारे में बताएँगे।


Surah Baqarah Last 2 Ayat in Hindi

285: अमनारसुलु बिमा ‘उंज़िला ‘इलयही मिर रबीही वलमुमिनुन, कुल्लुनअमना बिल्लाहि वमालयिकातिह वकुतुबिह वारुसिलिही। लानुफर्रिकु बयना ‘अहदिम मिन रुसुलिह वकालू समीयना वअताना ग़ुफ़रानका रब्बना वइलयकलमसीर।

286: लायूकलिफूल्लाहु नफ़सन इल्ला वुस्अहा लहा माक़स्बात वअलैहा माकतसबत रब्बना ला तुआखिजना इन्ना सीना अवु अख्ताना। रब्बना वला तहमील अलइना ‘ईसरन कमा हमलतहु अलललजीना मिन क़बलिना , रब्बना वला तुहम्मिलना माला ताकतलना बिहि वाफुअन्ना वग्फिरलना वर्हम्ना अंता मौलाना फंसूरना अलल कौमिल काफ़िरीन।

Surah Baqarah Last 2 Ayat

Surah Baqarah Last 2 Ayat in English

285. Aamanar-Rasoolu bimaaa unzila ilaihi mir-Rabbihee walmu’minoon; kullun aamana billaahi wa Malaaa’ikathihee wa Kutubhihee wa Rusulihee laa nufarriqu baina ahadim-mir-Rusulih wa qaaloo sami’naa wa ata’naa ghufraanaka Rabbanaa wa ilaikal-maseer

286. Laa yukalliful-laahu nafsan illaa wus’ahaa; lahaa maa kasabat wa ‘alaihaa maktasabat; Rabbanaa laa tu’aakhiznaaa in naseenaaa aw akhtaanaa; Rabbanaa wa laa tahmil-‘alainaaa isran kamaa hamaltahoo ‘alal-lazeena min qablinaa; Rabbanaa wa laa tuhammilnaa maa laa taaqata lanaa bih; wa’fu ‘annaa waghfir lanaa warhamnaa; Anta mawlaanaa fansurnaa ‘alal qawmil kaafireen


Surah Baqarah Last 2 Ayat in Hindi Tarjuma

रसूल ईमान लाया उस पर जो उस के रब के पास से उस पर उतरा। और ईमान वाले, सब ने माना अल्लाह और उस के फ़रिश्तों और उस की किताबों और उस के रसूलों को यह कहते हुए कि हम उस के किसी रसूल पर ईमान लाने में फरक नहीं करते और अर्ज़ की कि हमने सुना और माना तेरी माफ़ी हो ऐ रब हमारी। और तेरी ही तरफ़ फिरना है।”

अल्लाह किसी जान पर बोझ नहीं डालता मगर उसकी ताक़त उसका फ़ायदा है जो अच्छा कमाया और उसका नुक़सान है जो बुराई कमाई। ऐ रब्ब हमारे, हमें न पकड़ अगर हम भूलें या चूकें, ऐ रब्ब हमारे और हम पर भारी बोझ न रख, जैसा तूने हमसे अगलों पर रखा था, ऐ रब्ब हमारे और हम पर वो बोझ न डाल जिसकी हमें सहार न हो, और हमें माफ़ कर दे, और बख़्श दे, और हम पर मेहर कर, तू हमारा मौला है, तू काफ़िरों पर हमें मदद दे।


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