अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे| आज हम आप को Dusra Kalma in Hindi aur Fazilat बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।
जैसा के आप सभी को पता है के इल्मे दीन सीखना हर आकिल व बालिग मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज़ है तो हमें भी चाहिए के हम भी इल्मे दीन सीखे और दूसरों को भी सिखाये ।
Dusra Kalma in Hindi | दूसरा कलमा शहादत हिंदी में
أَشْهَدُ أَنْ لَّا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
अश-हदु अल्लाह इलाहा इल्लल्लाहु व अशहदु अन्ना मुहाम्मदन अब्दुहु व रसूलुहू,
Ashadu Alla ilaha illallahu Wa-ash-hadu Anna Muhammadan Abduhu Wa Rasulusu.
Dusra Kalma Tarjuma in Hindi
तर्जुमा: मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह ताला के सिवा कोई माबूद नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मोहम्मद अल्लाह के बंदे और उस के रसूल हैं
Dusra Kalma Fazilat | दूसरा कलमा शहादत की फ़ज़ीलत
काग़ज़ के पर्चे वाली मशहूर हदीस मे आया है के वो पर्चा जिसपर लिखा أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَهَ إِلَّا اللهُ وَ أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ होगा वो उन निन्यानवे दफ़्तरो (आमालनामों) पर जिन मए से हर दफ़्तर हद तक (लंबा) होगा भारी हो जाएगा और वज़न बढ़ जाएगा।
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस से मरवी है कि रसूलउल्लाह ﷺ ने फरमायाः अल्लाह तआला क़यामत के दिन मेरी उम्मत के एक आदमी को अपने हुजूर में तलब करेंगे, तो उसके खिलाफ निन्यानवे दफ़्तर बाये दराज़ (आमालनामों) को फैला दिए जाएगे, जिनमें से हर दफ़्तर नज़र के बराबर दराज़ होगा।
फिर अल्लाह तआला फरमाएगे: क्या तू इस बद आमलियो की फहरिस्त में से किसी चीज़ का इनकार करता है? के मैंने इस फुलाह गुनाह नहीं किया, या मेरे लिखने वाले मुहाफ़िज़ फ़रिश्तों ने तेरे ऊपर कोई जुल्म किया है के कोई गुनाह तूने ना किया हो और उन्होंने लिखदिया हो या कमी बेशी कर दी हो तो वो कहेगाः ‘नहीं अये परवर्दिगार, मैं इनमें से किसी गुनाह का इनकार नहीं करता हूं ना ही लिखने वालों पर जुल्म का इल्ज़ाम लगाता हूं।
तो इस पर अल्लाह तआला फरमाएगेः क्यों नहीं, बेशक हमारे पास तेरी एक नेकी है (इसका भी वज़न करा, इस लिए कि आज तुझ पर मुत्लिक़ ज़ुल्म नहीं होगा के इसका वज़न नहीं किया जाएगा) जाओ, वज़न कराओ, तो एक पर्चा निकाला जाएगा जिस पर कलमा शहादत ” أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَهَ إِلَّا اللهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ“ लिखा होगा,
तो उसको देखकर वो कहेगाः ‘अये परवर्दिगार, इस पर्चे (पैरज़ा) की उन दफ़्तर बाये दराज़ के सामने क्या हक़ीक़त है, मैं उसे क्या वजन कराओ?
तो अल्लाह तआला फरमाएंगे (नहीं उसका वजन ज़रूर कराया जाएगा इस लिए के आज तुझ पर मुतल्लक़ ज़ुल्म नहीं होगा तो वह तमाम दफ्तर आमालनामे) एक पलड़े में रखे जाएंगे और वह परचा दूसरे पलड़े में तो (इस के वजन से) उन दफ्तरों (आमालनामों का पलड़ा ऊपर उठ जाएगा और वह उन तमाम आमालनामों के मुकाबले में भारी होगा।
वह एक की खास बरकत से बे शुमार बद आमालियों और गुनाहों पर ग़ालिब आजाएगी) इस लिए के अल्लाह तआला की तौहीद) के मुकाबले पर कोई चीज़ भी भारी नहीं हो सकती।
तिर्मिज़ी, इब्न माजा बहावला मिशकात, सफ़हा 486। इब्न माजा, हाकिम इब्न उमर
हवाला: अलमसतदरक ९
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