Witr ki Namaz ka Tarika | वित्र की नमाज़ का तारिका | Easy

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे। आज हम आप को Witr ki Namaz ka Tarika बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।

वित्र की नमाज 3 रकात की होती है। ये नमाज ईशा की फर्ज के बाद 2 रकअत सुन्नत के बाद पढ़ी जाती है। इसका पढ़ना वाजिब है। अगर कोई ईशा की कजा नमाज पढ़े तो फर्ज के साथ वित्र की कजा करना भी जरूरी है।


Witr Namaz ki Niyat | वित्र नमाज़ की नियत

नियत की मैंने 3 रकात नमाज वित्र वाजिब वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

अगर इमाम के पीछे पढ़े जैसा कि माहे रमज़ान में पढ़ते हैं, तो नियत में इतना और कह ले “पीछे इस इमाम के” मुह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।


Witr ki Namaz ka Tarika | वित्र की नमाज़ का तारिका

Witr ki Namaz ka Tarika

नियत की मैंने 3 रकात नमाज वित्र वाजिब वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

  • नियत करने के बाद सना पढ़े। . सना के अल्फ़ाज़ इस तरह पढें। सुब्हानक- अल्लाहुम्मा – वा बि-हमदिक। वा ताबारकस्मुक, वा ता’ला जद्दुक वा ला-इलाहा गैरुक।
  • फ़िर अउज़ु बिल्लाहि मिनश शैतानिरराजिम पढ़े । और उसके बाद बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े।
  • उसके बाद सूरह फातिहा का तिलावत करना है।
  • और फिर किसी सूरत को पढ़ना है। हां एक आयत ऐसी जो 3 आयतों के बराबर हो।
  • अल्लाहु अकबर कहता हुआ रुकु में जाए। और कम से कम 3 बार रुकु की तस्बीह पढ़े।
  • यानि सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़े।
  • रुकु से समियाल्लाहु लिमन हमीदा कहता हुआ खड़ा हो।
  • और रब्बाना लकाल हम्द पढ़े।
  • अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएं।
  • और सजदे में 3 बार सजदे की तस्बीह पढें। यानी सुब्हान रब्बियल आला पढे.
  • अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जाये।
  • उसके बाद अल्लाहु अकबर अहते हुए दूसरे सजदे में जाए।
  • और सजदे में 3 बार सजदे की तस्बीह पढें। यानी सुब्हान रब्बियल आला पढे.
  • उसके बाद अल्लाहु अकबर कहता हुआ सीधा खड़े हो जाए।
  • वित्र नमाज़ की दूसरी रकअत का तारिका
  • दूसरी रकात में बिस्मिल्लाह के बाद सूरह फातिहा पढ़े।
  • और किसी सूरत की तिलावत करें।
  • फिर रुकु और सजदा पहली रकात की तरह करें।
  • 2 रकात पर क़दा में अत्तहियात पढ़ कर खड़ा हो जाए
  • और तीसरी रकात इस तरह से मुकम्मल करे।
  • पहले सूरह फातिहा की तिलावत और कोई सूरह पढ़े।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहता हुआ कानो तक हाथ ले जाए
  • और नाफ़ के नीचे लाकर वैसे ही बंद ले। (औरते सीने पर हाथ बांधें) उसके बाद दुआए क़ुनूत पढ़े।
Duaye Qunoot ye Hai

Allahumma – inna – Nastaeenuk – wa- nastagfiruk – wanu minu – bik – wa – natawakkalu- alaika – wa-nusni – alaikal -khair . wa-Nashkuruk -wala -nakfuruk – wa -nakhlau – wa-natruku – main yafjuruk – Allahumma Iyyaka na’budu walak-nusalli – wa-nasjudu wa-ilaika nas’aa . wa Nahfidu wa narju rahmatak – wa -nakhsha azabak inna azbak bil kuffari mulhiq

  • फिर पहली रकात की तरह रुकु सजदा कर के तीसरी रकात पर क़ैदा के लिए बैठ जाए।
  • इस में अत्तहिय्यात, दुरूद ए इब्राहीम और दुआए मसूर पढ़ कर सलाम फेर दे।

इस्तरा से वित्र की नमाज मुकम्मल हो जाएगी।

Attahiyyat / Tashahhud

At-taḥīyātu li-llāhi, wa-ṣ-ṣalawātu wa-ṭ-ṭayyibātu. as-salāmu ʿalayka ayyuhā n-nabīyu wa-raḥmatu -llāhi wa-barakātuhu. As-salāmu ʿalaynā wa-ʿalā ʿibādi -llāhi ṣ-ṣāliḥīna. ʾashhadu an lā ʾilāha ʾillā -llāhu wa-ʾashhadu ʾanna muḥammadan ʿabduhū wa-rasūluhū.

Duaye Masoora Is tarah padhen

Allahumma Innee zalamtu nafsee zulman kaseeron walaa yagfriz-zunooba – Illa anta fagfirlee magfiratm min i’ndika – Warhamnee innak antal gafoorur raheem .

या अगर कोई दूसरी दुआएं मासूरा याद हो तो वो भी पढ़ सकते हैं।


दुआ ए क़ुनूत क्या है?

Allahumma – inna – Nastaeenuk – wa- nastagfiruk – wanu minu – bik – wa – natawakkalu- alaika – wa-nusni – alaikal -khair . wa-Nashkuruk -wala -nakfuruk – wa -nakhlau – wa-natruku – main yafjuruk – Allahumma Iyyaka na’budu walak-nusalli – wa-nasjudu wa-ilaika nas’aa . wa Nahfidu wa narju rahmatak – wa -nakhsha azabak inna azbak bil kuffari mulhiq

दुआ ए मसुरा क्या है?

Allahumma Innee zalamtu nafsee zulman kaseeron walaa yagfriz-zunooba – Illa anta fagfirlee magfiratm min i’ndika – Warhamnee innak antal gafoorur raheem .

अत्ताहिय्यत/तशहुद क्या है?

At-taḥīyātu li-llāhi, wa-ṣ-ṣalawātu wa-ṭ-ṭayyibātu. as-salāmu ʿalayka ayyuhā n-nabīyu wa-raḥmatu -llāhi wa-barakātuhu. As-salāmu ʿalaynā wa-ʿalā ʿibādi -llāhi ṣ-ṣāliḥīna. ʾashhadu an lā ʾilāha ʾillā -llāhu wa-ʾashhadu ʾanna muḥammadan ʿabduhū wa-rasūluhū.

वित्र नमाज़ की नियत कैसे करें?

नियत की मैंने 3 रकात नमाज वित्र वाजिब वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
अगर इमाम के पीछे पढ़े जैसा कि माहे रमज़ान में पढ़ते हैं, तो नियत में इतना और कह ले “पीछे इस इमाम के” मुह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

What is the niyat of Witr?

I have intended to offer 3 rakaat Namaz Witr Wajib for the sake of Allah Taala, my face is towards Kaaba Sharif, Allahu Akbar.
If you read behind the Imam, as is done during the month of Ramzan, then in your intention, say this more, “Behind this Imam” and turn my face towards Kaaba Sharif, Allahu Akbar.

3 वित्र में क्या पढ़ा जाता है?

Allahumma – inna – Nastaeenuk – wa- nastagfiruk – wanu minu – bik – wa – natawakkalu- alaika – wa-nusni – alaikal -khair . wa-Nashkuruk -wala -nakfuruk – wa -nakhlau – wa-natruku – main yafjuruk – Allahumma Iyyaka na’budu walak-nusalli – wa-nasjudu wa-ilaika nas’aa . wa Nahfidu wa narju rahmatak – wa -nakhsha azabak inna azbak bil kuffari mulhiq

वित्र नमाज़ में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?

Allahumma – inna – Nastaeenuk – wa- nastagfiruk – wanu minu – bik – wa – natawakkalu- alaika – wa-nusni – alaikal -khair . wa-Nashkuruk -wala -nakfuruk – wa -nakhlau – wa-natruku – main yafjuruk – Allahumma Iyyaka na’budu walak-nusalli – wa-nasjudu wa-ilaika nas’aa . wa Nahfidu wa narju rahmatak – wa -nakhsha azabak inna azbak bil kuffari mulhiq

ईशा में कितने फर्ज हैं?

ईशा की नमाज़ में 4 रकात फ़र्ज़ हैं और कुल 17 रकात हैं जिन्हें सुन्नत , नफ़्ल और वित्र कहा जाता है।

नमाज ईशा में कितनी रकात है ?

ईशा की नमाज़ फ़र्ज़, नफ़्ल, सुन्नत और वित्र से मिलकर बनी होती है। इसमें कुल 17 रकातें हैं। 4 सुन्नत, 4 फ़र्ज़, 2 सुन्नत, 2 नफ्ल, 3 वित्र, 2 नफ्ल।

दुआ कुनूत याद ना हो तो क्या करें?

दुआ कुनूत याद ना हो तो क्या करें? दुआ ए कुनुत याद न हो तो कोई भी दुआ पढ़ सकते है उससे नमाज़ हो जाएगी। पर सबसे अफजल है की आप दुआ कुनूत याद कर ले।

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