अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे |आज हम आप को Witr Ki Dua | कुनूत-ए-वित्र | वित्र की दुआ बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।
दोस्तों इस दुआ को हम रोजाना ईशा की नमाज़ के बाद जब वित्र की नमाज़ पढ़ते है तब इस दुआ को तीसरी रकत मे पढ़ा जाता है, इसलिए हमे इस दुआ को याद करना बहुत जरूरी है।
Witr Ki Dua | वित्र नमाज़ की दुआ
अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू- क व नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैय्यफ-जुरूक * अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ *
Allah humma inna nasta-eenoka wa nastaghfiruka wa nu’minu bika wa natawakkalu alaika wa nusni alaikal khair, wa nashkuruka wala nakfuruka wa nakhla-oo wa natruku mai yafjuruka, Allah humma iyyaka na’budu wa laka nusalli wa nasjud wa ilaika nas aaa wa nahfizu wa narju rahma taka wa nakhshaa azaabaka inna azaabaka bil kuffari mulhik
1. कुनूत-ए-वित्र के बाद की दुआ
اللَّهُمَّ اهْدِنِي فِيْمَنْ هَدَيْتَ وَعَافِنِي فِيمَنْ عَافَيْتَ وَ تَوَلَّنِي فِيمَنْ تَوَلَّيْتَ وَبَارِكْ لِي فِيمَا أَعْطَيْتَ وَقِنِي شَرَّ مَا قَضَيْتَ إِنَّكَ تَقْضِي وَلَا يُقْضَى عَلَيْكَ وَإِنَّهُ لَا يَذِلُّ مَنْ وَالَيْتَتَبَارَكْتَ رَبَّنَا وَتَعَالَيْتَ
2. कुनूत-ए-वित्र के बाद की दुआ
اللَّهُمَّ عَذِّبْ كَفَرَةَ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ الَّذِينَ يَصُدُّونَ عَنْ سَبِيلِكَ وَيَجْحَدُونَ آيَاتِكَ وَيُكَذِبُونَ رُسُلَكَ وَيَتَعَدُّوْنَ حُدُودَكَ وَيَدْعُوْنَ مَعَكَ إِلَهَا آخَرَ لَا إِلَهَ إِلَّا اَنْتَ تَبَارَكْتَ وَتَعَالَيْتَ عَمَّا يَقُولُ الظَّالِمُونَ عُلُوًّا كَبِيرًا
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