Do Sajdo ke Darmiyan ki Dua | 2 सजदो के दरमियान की दुआ करो

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे।आज हम आप को Do Sajdo ke Darmiyan ki Dua बताने वाले हैं।


Do Sajdo ke Darmiyan ki Dua

اللَّهُمَّ اغْفِرْ لِي وَارْحَمْنِي وَعَافِنِي وَاهْدِنِي وَ ارْزُقْنِي وَاجْبُرْنِي وَارْفَعْنِي

अल्लाहुम्मा ग़फ़िर ली वारहम्नी वा अफिनी वहदिनी वा अरज़ुक्नी वा अजबर्नी वारफ़ानी।

Allahumma ghfir li warhamni wa ‘afini wahdini wa ar zuqni wa ajburni warfa’ni.

तर्जुमा: ए अल्लाह! मुझे बख़श दे और मुझ पर रहम फ़रमा और मुझे आफ़ियत दे और मुझे हिदायत पर रख और मुझे रिज़्क़ अता फ़रमा और मेरी शिकस्तगी को जोड़ दे

हवाला: मिशकात ९००। तिरमिज़ी २८४। इबने माजा ८९८। मुसनदे अहमद ३५०४


2 सजदो के दरमियान की दुआ करो

اللَّهُمَّ اغْفِرْ لِي وَارْحَمْنِي وَعَافِنِي وَاهْدِنِي وَارْزُقْنِي

अल्लाहुम्मगफिर लि वारहमनि वा आफिनि वा आहिदनि वारजुक्नी ।

Allahummagfir li warhamni wa aafini wa ahidni warjukni.


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