Surah Falaq Tafseer | सुरह फलक नाज़िल होने की वजह | No. 113

आज हम आप को Surah Falaq Tafseer और उसका तर्जमा बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।

आस्लामु अलैकुम, उम्मीद है के आप खैरो आफियत से होंगे जैसा के आप सभी को पता है के इल्मे दीन सीखना हर बालिग मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज़ है तो हमें भी चाहिए के हम भी इल्मे दीन सीखे और दूसरों को सिखाये।


Surah Falaq Tafseer | सुरह फलक नाज़िल होने की वजह

{قُلْ اَعُوْذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ: तुम फरामाओ : में सुबह के रब की पनाह लेता हूँ } पनाह मांगने में अल्लाह तआला का उस वस्फ सुबह के रब ” के साथ जिकर इस लिए है अल्लाह तआला सुबह पैदा करके रात की तारीखी दूर फरमाता है तो वो इस पर भी क़ादिर है के पनाह चाहने वाले से वो हालात दूर फरमा दे जिनसे उसे खौफ हो नीज़ जिस तरह तरीकि रात मे आदमी सुबह तुलु होने का इंतज़ार करता है इसी तरह खौफ जदा आदमी अमन और राहत का इंतज़ार करता है। इसके अलावा सुबह मजबूर व लाचार लोगों की दुआओं का और उनके कुबूल होने का वक़्त है। तो इस आयत से मुराद ये है के जिस वक़्त कर्ब और गम वालों को आसानियाँ दी जाती हैं और दुआएँ कुबूल की जाती है, में उस वक़्त को पैदा करने वाले की पनाह चाहता हूँ एक क़ौल ये भी है के फलक जहन्नम में एक वादी है( खाजीन अल फलक)

{مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ: उसकी तमाम मखलुक के शर से } इस आयात में हर मखलुक के शर से पनाह मांगी गई है। ख्वाह जानदार हो या बेजान, मुकल्लीफ हो या गैर मकल्लीफ और बाज मुफ़्सीरीन ने फ़रमाया है ke यहाँ मखलुक से मुराद खास इब्लिस् है जिससे मुराद मखलुक मे कोई नही।

{وَ مِنْ شَرِّ غَاسِقٍ اِذَا وَقَبَ: और सख्त अंधेरी रात के शर से जब वो छाजाये } उम्मुल् मुअमिनीन हज़रत ए आईशा رضی اللہ عنہا से मरवी है के रसूल करीम ﷺ ने चाँद की तरफ नज़र करके उनसे फरमाया ए आईशा رضی اللہ عنہا इसके शर से अल्लाह तआला की पनाह, ये जब डूब जाए तो अंधेरा हो जाता है ( तिर्मिज़ी किताबुत्तफ़्सीर ) इससे मुराद महीने की आखरी रातें हैं जब चाँद छुप जाता है तो जादू के वो अमल जो बीमार करने के लिए हैं इसी वक़्त में किये जाते हैं ( सूरत उल जीनान)

{وَ مِنْ شَرِّ النَّفّٰثٰتِ فِی الْعُقَدِ: और उन औरतों के शर से जो गिरहों में फूंके मारती है } यानी जादूगर औरतों के शर se पनाह मांगता हूँ जो डोरों मै गिरह ( गांठ ) लगा लगा कर उनमें जादू के मंत्र पढ़ पढ़ कर फुनकती है, जैसा के लबीद की लड़कियों ने नबी करीम ﷺ पर जादू करने के लिए किया था ( सीरत उल जीनान )


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