अस्सलामु अलैकुम, उम्मीद है आप सब अच्छे से होंगे आज के इस आर्टिकल मे हम आपको बताएंगे की Sehri ki Dua.
दोस्तों रोज़े की नियत करना और Sehri ki Dua दोनों एक ही है और नियत दिल के इरादे का नाम है अगर आप इस दुआ को सहरी मे पढ़ना भूल जाए तो इन-शा-अल्लाह आपका रोज़ों हो जाएगा।
Sehri ki Dua | सेहरी की दुआ
وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ
व बिसौमि गदिन नवैतु मिन शहरे रमज़ान
va bisaumi gadin navaitu min shahare ramazaan
तर्जमा: मैंने रमजान के इस रोज़े की नीयत की
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