Wazu ke Baad ki Dua | वजू की दुआएँ | 15+ Easy Dua

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे |आज हम आप को Wazu ke Baad ki Dua | वजू की दुआ बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।

अगर आप पाक नहीं है, तो आपकी वजू भी नहीं होगा उससे पहले आपको पाकीज़ा होना पड़ेगा। जिसके लिए गुसल करना होगा और गुसल की दुआ भी पढ़नी होगी।

दोस्तों जैसे आप सभी जानते है इस्लाम मे नमाज़ या कुरान शरीफ पढ़ने से पहले वुजू करना पढ़ता है जिसके बिना हम नमाज़ और कुरान नहीं पढ़ सकते है, तो आइए जानते है Wuzu ke Baad ki Dua क्या है।


1. Wazu ke Baad ki Dua | वजू के बाद की दुआएँ

اَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ

अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह, वहदाहु ला शरिका लहू, वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह।
Ashhadu alla ilaha illallah, wahdahu la sharika lahu, wa ashhadu anna Muhammadan ‘abduhu wa rasuluh.


Wazu ke Baad ki Dua ka Tarjuma

मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह ताला के सिवा कोई माबूद नहीं वह अकेला है उस का कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मोहम्मद अल्लाह के बंदे और उस के रसूल हैं।

Wazu ke Baad ki Dua ki Fazilat

जन्नत के आठ दरवाज़े इस दुआ के पढ़ने वाले के लिए खोल दिए जाऐंगे जिस दरवाज़े से चाहे दाख़िल हो जाये। इस दुआ को तीन दफ़ा पढ़े

हवाला तिरमिज़ी ५५


2. Wazu ke Baad ki Dua | वजू के बाद की दुआएँ

سُبْحَانَكَ اللَّهُمَّ وَبِحَمْدِكَ أَشْهَدُ أَنْ لَّا إِلهَ إِلَّا أَنْتَ اسْتَغْفِرُكَ وَأَتُوبُ إِلَيْكَ

सुब्हानका अल्लाहुम्मा वा बिहामदिका, अशहदु अल्ला इलाहा इल्ला अंता, अस्तग़फिरुका वा अतुबु इलाइक।
Subhanaka Allahumma wa bihamdika, ashhadu alla ilaha illa anta, astaghfiruka wa atubu ilayk.

तर्जुमा: ए अल्लाह ! तू पाक है और मैं तेरी हमद बयान करता हूँ मैं गवाही देता हूँ ए अल्लाह ! कि तेरे सिवा कोई माबूद नहीं मैं तुझ से बख़शिश चाहता हूँ और तेरे सामने तौबा करता हूँ

फ़ज़ीलत: रसूलुल्लाह ने फ़रमाया कि जिस ने वुज़ू किया और ये दुआ पढ़ी तो ये अलफ़ाज़ उस के लिए एक पर्चा पर लिख कर मोहर लगादी जाती है जो क़यामत तक लगी रहेगी और इस दिन से पहले तोड़ी नहीं जाएगी

हवाला: सुन्ने कबरी निसाई ९८२९। अमलु लयौमा वाल्लैला निसाई ८१, ८२


3. Wazu ki Dua | वुजू की दुआये

वुजू में जो दुआयें पढ़ी जाती हैं उनका पढ़ना मुस्तहब है नीचे मुस्तहब दुआयें लिखी जाती हैं।

1. वुजू करते वक़्त बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें और वह यह है :-

بِسمِ اللهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

तर्जमा :- “अल्लाह के नाम से शूरू जो बहुत मेहस्बन रहमत वाला।” और दूरूद शरीफ पढ़े जैसे:-

اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا وَ مَوْلَانَا مُحَمَّدٍ وَ آلِهِ وَ أَصْحَابِهِ أَجْمَعِينِ
अल्लाह हुम्म सल्लि अला सय्यदिना व मौलाना मुहम्मदिव व आलिही व असहाबिही अजमईन ।

2. हाथ धोते वक़्त:-

दूसरा कलिमा पढ़े और बिस्मिल्लाह, दुरूद शरीफ और यह कलिमा हाथ धोते वक़्त पढ़ना मुस्तहब है दूसरा कलिमा यह हैः-

أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَ أَشْهَدُ أَنَّ سَيِّدِنَا مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ.
अश्हदु अल लाइलाह इल्लल्लाहु वहदहू ला शरीका लहू व अश्हदु अन्न सय्यदिना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू।

तर्जमा :- “मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं और गवाही देता हूँ कि हमारे सरदार मुहम्मद (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) उसके बन्दे और रसूल हैं।


3. कुल्ली करते वक़्त यह दुआ पढ़ें :-

اللَّهُمْ أَعِنِّى عَلَى تِلَاوَتِ الْقُرْآنِ وَ ذِكْرِكَ وَ شُكْرِكَ وَ حُسْنِ عِبَادَتِكَ
अल्लाहुम्मा अइन्नी अला तिलावतिलकुऒनि व. जिकरिका व शुक्रिका व’ हुस्नि इबादतिकम्।

तर्जमा :- ” ऐ अल्लाह तू मेरी मदद कर कि कुन की तिलावत और तेरा ज़िक और शुक करूँ और तेरी अच्छी इबादत करूँ।


4. नाक में पानी डालते वक़्त यह दुआ पढ़े :-

اللَّهُمَّ أَرِحُنِي رَائِحَةَ الجَنَّةِ وَلَا تُرِحْنِي رَائِحَةَ النَّارِ
अल्लाहुम्मा अरिहनी राइहतलेजन्नति वला तुरिहनी राइहतन्नारि।

तर्जमा :- “ऐ अल्लाए तू मुझे जन्नत की खुशबू सुंघा और जहन्नम की बू से बचा


5. और मुँह धोते वक़्त यह दुआ पढ़े :-

“أَللَّهُمَّ بَيِّضْ وَجْهِي يَوْمَ تَبَيَّضُّ وُجُوهٌ وَتَسْوَدُّ وُجُوهٌ” 
अल्लाहुम्म बय्यिद वजही यौमा तबयद्दु वजूहून व तसवदु वजूहुन।

तर्जमा :- ” ऐ अल्लाह तू मेरे चेहरे को उजलां कर, जिस दिन कि कुछ मुँह सफेद होंगे और कुछ सियाह होंगे।”


6. सीधा हाथ धोते वक़्त यह हुआ पढ़े :-

اللَّهُمْ أَعْطِنِي كِتَابِي بِيَمِينِي وَ حَاسِبُنِي حِسَابًا يُسِيرًا
“अल्लाहुम्म अतिनी किताबी बियमीनी व हासिबनी हिसाबन यसीरन”।

तर्जमा :- ” ऐ अल्लाह मेरा नामए आमाल दाहिने हाथ में दे और मुझ से आसान हिसाब कर।”


7. बायाँ हाथ धोते वक़्त यह दुआ पढ़े :-

اللَّهُمَّ لَا تُعْطِنِي كِتَابِي بِشِمَالِي وَلَا مِنْ وَرَاءِ ظَهْرِى
अल्लाहुम्म ला तुञ्जिनी किताबी बिशिमाली वला मिन वराइ ज़हरी।

तर्जमा :- ” ऐ अल्लाह मेरा नामए आमाल न बायें हाथ में दे और न पीठ के पीछे से”।


8. सर का मसह करते वक़्त यह दुआ पढ़े :-

اللَّهُمَّ أَظِلِّنِي تَحْتَ عَرْشِكَ يَوْمَ لَا ظِلُّ إِلَّا ظِلُّ عَرْشِكَ
अल्लाहुम्म अज़िल्लनीं तहता’ अर्शिका यौमा ला ज़िल्ल इल्ला जिल्ल अर्शिका।

तर्जमा :- ” ऐ अल्लाह तू मुझे अपने अर्श के साये के साये में रख जिस दिन तेरे अर्श के साए के सिवा कहीं साया न होगा।


9. कानों का मसह करते वक़्त यह दुआ पढ़ें :-

اللَّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ ا الَّذِينَ يَسْتَمِعُونَ الْقَوْلَ فَيَتَّبِعُونَ أَحْسَنَهُ
अल्लाहुम्मजअलनी मिनल्लज़ीना यसतमिफ़नल कौला फयत्तबिऊना अहसनहू ।

तर्जमा :- ऐ अल्लाह तू मुझे उनमें कर दे जो बात सुनते हैं और अच्छी बात पर अमल करते हैं”।


10. गर्दन का मसह करते वक़्त यह दुआ पढ़ें :-

اللَّهُمْ أَعْتِقَ رَقَبَتِي مِنَ النَّارِ
अल्लाहुम्मअतिक रकबती मिनन्नारि।

तर्जमा : – ” ऐ अल्लाह मेरी गर्दन आग से आज़ाद कर।


11. दाहिना पाँव धोते वक़्त यह दुआ पढ़े :-

اللَّهُمَّ ثَبِّتُ قَدَمِي عَلَى الصِّرَاطِ يَوْمَ تَزِلُ الْأَقْدَامَ
अल्लाहुम्म सब्बित कदमी अलस्सिराति यौमा तज़िल्लुलअक्दामु ।

तर्जमा :-“ ऐ अल्लाह मेरा कदम पुलसिरात पर साबित रख जिस दिन कि उस पर कदम फिसले.


12. बायाँ पाँव घोधोते ते वक़्त यह दुआ पढ़े :-

اللَّهُمَّ اجْعَلُ ذَنْبِيُّ مَغْفُورًا وَ سَعْيِىَ مَشْكُورًا وَ يَحَارَتِى لَنْ تَبُورَ
अल्लाहुम्मजअल ज़मबी मग़फूरन व सअई मश्क्रूरन व तिजारती लन तबूरा,

तर्जमा :- ” ऐ अल्लाह मेरे गुनाह को बख़्श दे और मेरी कोशिश कामयाब कर और मेरी तिजारत हलाक न हो’


या सब जगह दुरूद शरीफ ही पढ़े और यही अफजल है

और वुजू से फारिग होते ही-:

اللَّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ التَّوَّابِينَ وَ اجْعَلْنى مِنَ الْمُتَطَهِّرِين
अल्लाहुम्मजअलनी मिनत्तव्वाबीना वजअलनी मिनलमुततहहिरीना

तर्जमा :- ऐ अल्लाह तू मुझे तौबा करने वालों और पाक लोगों में कर दे”।

और बचा हुआ पानी खड़े होकर पी ले कि इस से मर्ज़ दूर होते हैं और आसमान की मुँह करके यह कहे।’

سبحْنَكَ اللَّهُمَّ وَ بِحَمْدِكَ أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَهَ إِلَّا أَنتَ اسْتَغْفِرُكَ وَأَتُوبُ إِلَيْكَ
सुब्हानक‌ अल्लाहुम्म व बिहम्दिका अश्हदु अलला इलाह इल्ला अन्ता असतगफिरुका व अतूबु इलैक‌

तर्जमा :- ” तू पाक है ऐ अल्लाह और मैं तेरी हम्द करता हूँ मैं गवाही देता हूँ कि तेरे सिवा कोई मबूद नहीं तुझ से मुआफी चाहता हूँ और तेरी तरफ तौबा करता हूँ”

वुजू के हिस्से बिला ज़रूरत न पोंछें और बिला ज़रूरत न सुखायें। कुछ भीगा रहने दें कि यह नमी कयामत के दिन नेकी के पल्ले में रखी जायेगी। हाथ न झटकें। वुजू के बाद मियानी पर पानी छिड़क लें कि यह वसवसे से बचने का ज़रिया है।

मक्क्रुह वक़्त न हो तो दो रकस्त नफ्ल नमाज़ पढ़े इस नमाज़ को तहीयतूल वुजू कहते हैं।


Ending

दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल की मदद से जाना की Wuzu ke Baad ki Dua and wazu ki dua क्या होती है, आइए जानते है इस दुआ को पढ़ने की क्या फ़ज़ीलत है।

अगर किसी शख्स को अपने चेहरे पर नूर लाना है तो उसको चाहिए हर दिन वुजू करे और Chehre Par Noor ki Dua का भी विर्द करे।

उमर बिन खत्ताब रदी-अल्लाहू-अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स अच्छी तरह वुज़ू करे और फिर इस दुआ को पढे।

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