Haji Ali Dargah: मुंबई की एक अद्भुत सूफ़ी यात्रा

Haji Ali Dargah Mumbai, भारत के दिलों में एक अनोखी जगह है जहां सौंदर्य, अध्यात्म और संस्कृति एक साथ मिलते हैं। क्या शहर में हजारों मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे हैं जो अलग-अलग धार्मिक समुदायों को एक साथ लाए हैं। एक ऐसा ही पवित्र स्थल है हाजी अली दरगाह, जो मुंबई के वर्ली किनारे अरब सागर में स्थित है। ये दरगाह एक सूफी संत, पीर हाजी अली शाह बुखारी के मजार पर बना है और यहां हर साल लाखों लोगों की भीड़ जमा होती है।

Haji Ali Dargah: स्थिति और विशेष्ताएं

Haji Ali Dargah, वर्ली के किनारे से लगभाग 500 गज दूर स्थित है। इस दरगाह का निर्माण 15वीं सदी के एक मशहूर सूफी संत, पीर हाजी अली शाह बुखारी के मजार पर हुआ है। दरगाह का पूरा भवन, जिसे इंडो-इस्लामी या मुगल शैली में बनाया गया है, एक शानदार उदाहरण है उस समय के भारतीय वास्तुकला का। इस दरगाह में एक मस्जिद, सूफी संत सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी का मजार, एक कव्वाल खाना और एक तीन मंजिल का अस्पताल शामिल है। दरगाह को किनारे से जोड़ने के लिए एक 700 गज लंबा रास्ता है, जो कि ताइदे उछले आने पर पानी में डूब जाता है और दरगाह को उपनगरी से अलग दिखता है।

दरगाह की शानदार छत और मीनारें, जिनके अरब सागर के किनारे से देखा जा सकता है, दरगाह को एक अदभुत और प्रेरणादायक दृश्य प्रदान करते हैं। क्या दरगाह की दीवारों पर कुरान की आयतों का खास जिक्र है, जो मुख्य हॉल की मरमर छत और दीवारों पर खुदा हुआ है। मुखिया हॉल के अंदर, हाजी अली के मजार को एक सुंदर गलीचे से ढका गया है, जो अधिक रूप से लाल, हरे और सुनहरे रंगों में बना है।

Haji Ali Dargah: इतिहास और महत्ता

Haji Ali Dargah

Haji Ali Dargah का इतिहास अदभुत और दिल को छूने वाला है। सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी, जो 15वीं सदी के एक मशहूर सूफी संत थे, उज्बेकिस्तान से मुंबई आए और यहां इस्लाम की शिक्षा और प्रचार किया। उनका मजार उनकी मृत्यु के बाद उनकी इच्छा के अनुरूप अरब सागर के बीच में बना था। एक प्राचीन कथा के अनुसार, हाजी अली ने एक गरीब महिला के लिए गिरा दी तेल को पृथ्वी पर फिर से गिरा दिया, और उसके इस करुणाकर कार्य के बाद वो मुंबई आए और यहां इस्लाम की शिक्षा देना शुरू किया।

दरगाह की मुखिया काफी अधिक है और लोग यहां अपने मनोकामनाओं को पूरा करने आते हैं। खास बुधवार, शुक्रवार और रविवार को यहां पर बहुत ज्यादा होती है। रमज़ान के दूसरे दिन और बकरीद ईद पर, लोगों की संख्या और भी अधिक बढ़ जाती है। माना जाता है कि हाजी अली के मजार पर आने से पहले लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनकी हर एक दुआ कुबूल होती है।

Haji Ali Dargah: दरगाह की विशेषाएं

दरगाह के मजार के अलावा, यहां की छत पर अल्लाह के 99 नाम भी लिखे गए हैं, जो इस स्थल को और भी पवित्र और अद्भुत बनाते हैं। दरगाह के मुख्य हॉल के चरणों की तरफ तीन नमाज हॉल हैं, जिनमें से पूर्व हॉल मर्दों के लिए और पश्चिम हॉल महिलाओं के लिए हैं। दरगाह के बहुत से श्रद्धालु यहां पर नमाज अदा करते हैं और हाजी अली के मजार पर चादर चढ़ाते हैं, अपनी मनोकामनाएं और दुआएं पूरी करने के लिए।

सफ़र और दरगाह तक पहुंचने की विधि

Haji Ali

मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हाजी अली दरगाह तक पहुंचने के लिए कई तरीके हैं। एयरपोर्ट से दरगाह की दूरी 12-16 किमी है। यात्री यहां तक लोकल ट्रेन, बस, मुंबई हवाई अड्डे की टैक्सियों या फिर उबर, ओला जैसी निजी कैब सेवाओं का उपयोग करके आगे बढ़ सकते हैं। मुंबई उपनगरीय रेलवे की लोकल ट्रेनें मुंबई बीओएम हवाई अड्डे से हाजी अली दरगाह तक 17 मिनट में पहुंच जाती हैं। हर 15-20 मिनट में चलने वाली ट्रेन की यात्रा के लिए लगभाग रु. 5 से रु. 10 की किरया लगती है. नेहरू तारामंडल से ए-लाइन 385 बस भी मुंबई हवाई अड्डे से हाजी अली दरगाह तक यात्रियों को पसंद है। ये लगभाग 1 घंटे 49 मिनट की यात्रा में रु. 30 से रु. 50 की कीमत लेता है.

हाजी अली दरगाह एक ऐसा पवित्र स्थल है जो धरोहर और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यहां की अद्भुत महोल और पवित्र वातवरण ने लोगों को हमेशा प्रभावित किया है और यहां आने वाले लोगों की मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायता मिल रही है। मुंबई के इस पवित्र स्थल को एक बार जरूर देखें और पीर हाजी अली शाह बुखारी की कृपा को अनुभव करें।

Haji Ali Dargah: और भी महत्तवपूर्ण जानकारी

स्थिति: दरगाह रोड, हाजी अली, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत।

समययोजना: सात दिनों तक, सुबह 5:30 बजे से रात 10:00 बजे तक।

कीमत: प्रवेश शुल्क नहीं है.

Ending

इस प्रकार, हाजी अली दरगाह मुंबई का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शांति और आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है। ये स्थल भारत की धार्मिक एकता और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है और यहां हर साल लाखों लोगों की भीड़ जमा होती है, अलग-अलग धर्मो और संप्रदायों से आते हैं।


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