अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे |आज हम आप को Dua e Masura बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।
आप जानते ही होंगे की दुआ मासुरा अल्लाहुम्मग़फ़िरली को हम नमाज़ मुक़म्मल होने से ठीक पहले पढ़ते हैं। यानी कि जब हम अत्तहियात के बाद दुरूद इब्राहिम पढ़ लेते हैं उसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़ते हैं। फिर उसके बाद सलाम फेरते है।
दुआ मसुरा को हमने आपकी आसानी के लिए तीन भाषाओ में लिखा हैं। साथ ही हमने दुआ ए मसुरा इमेज (फोटो) को भी हमने हिंदी, इंग्लिश, और अरबी में बनाया है।
Dua e Masura in Hadith: हजरत अबू बक्र अस-सिद्दीक (रदियअल्लाहु अन्हु) से एक रिवायतमें हे : मैंने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलय्हि व सल्लम) से दरख्वास्त की के वो मुझे ऐसी दुआ सिखा दें जो मैं अपनी सलाह (नमाज) में पढ़ सकूं। तो आपने दुआ-ए-मासुरा पढ़ कर बताई
दुआ-ए-मासुरा वो दुआ हे जो नमाज़ मुक़म्मल होने से ठीक पहले अत्तहियात और दरूद शरीफ के बाद पढ़ी जाती हे।
Dua e Masura in Hindi| दुआ ए मासुरा हिंदी में
اللَّهُمَّ إِنِّي ظَلَمْتُ نَفْسِي ظُلْمًا كَثِيرًا وَلَا يَغْفِرُ الذُّنُوبَ إِلَّا أَنْتَ فَاغْفِرْ لِي مَغْفِرَةً مِّنْ عِنْدِكَ وَارْحَمْنِي إِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُورُالرَّحِيمُ
अल्लाहुम्मा इन्नी ज़ालम्तु नफ़सी ज़ुल्मन कसीरान, वला यग़फ़िरुज़-जुनूबा इल्ला अंता, फ़ग़्फिरली मग़्फ़िरतान मिन ‘इंदिक वरहमनी, इन्नका अंतल ग़फ़ूरुर रहीम।
Dua e Masura Tarjuma | दुआ ए मासुरा तर्जुमा
ए अल्लाह ! मैं ने अपने नफ़स पर जुलम किया बहुत ज़्यादा जुलम, और गुनाह को नहीं बख़्शता मगर तू ही, लिहाज़ा तू मुझे बख़श दे। ऐसी बख़शिश जो तेरे पास से हो और मुझ पर रहम फ़रमा बेशक तू ही बख़शने वाला और रहम फ़रमाने वाला है
हवाला: मिशकात ९४२। बुख़ारी ८३४। मुस्लिम। तिरमिज़ी ३५३१
Dua e Masura in English
Allahumma inni zalamtu nafasi zulman kasiran, wala yagfiruz-junuba illa anta, fagfirli magfirtan min ‘indik varhamani, innka antal ghafurur rahim.
Reference: Mishkaat 942. Bukhari 834. Muslim. tiramizi 3531
Dua e Masura Transletion
“O Allah! I have done great injustice to myself and none except You forgives sins, so bestowed upon me a forgiveness from You, and have mercy on me, You are Often Forgiving, the Merciful.”
3. Dua e Masura
اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ عَذَابِ الْقَبْرِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ فِتْنَةِ الْمَسِيحِ الدَّجَّالِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ فِتْنَةِ الْمَحْيَا وَفِتْنَةِ الْمَمَاتِ اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْمَأْثَمِ وَالْمَغْرَمِ
अल्लाहुम्मा इन्नी अउज़ु बिका मिन ‘अदबी अल-क़ब्र, वा अउज़ु बिका मिन फ़ित्नाती अल-मसीह अद-दज्जाल, वा अउज़ु बिका मिन फ़ित्नाती अल-माह्या वा फ़ित्नाती अल-ममत। अल्लाहुम्मा इन्नी अ’उज़ु बिका मिन अल-मा’थामी वल-मघरामी।
Allahumma inni a’uzhu bika min ‘adhabi al-qabr, wa a’uzhu bika min fitnati al-masih ad-dajjal, wa a’uzhu bika min fitnati al-mahya wa fitnati al-mamat. Allahumma inni a’uzhu bika min al-ma’thami wal-maghrami.
3. Dua e Masura
اللَّهُمَّ اغْفِرْ لِي مَا قَدَّمْتُ وَمَا أَخَرْتُ وَ مَا أَسْرَرْتُ وَمَا أَعْلَنْتُ وَمَا أَسْرَفْتُ وَمَا أَنْتَ أَعْلَمُ بِهِ مِنِّي أَنْتَ الْمُقَدِّمُ وَأَنْتَ الْمُوَخِّرُ لَا إِلَهَ إِلَّا أَنْتَ
अल्लाहुम्मा-ग़फ़िर ली मा क़द्दमतु वा मा अख-ख़र्तू, वा मा असरार्तु वा मा अलन्तु, वा मा असरफ़तु, वा मा अन्ता अलामु बिहि मिन्नी। अन्ता अल-मुकद्दिमु वा अन्ता अल-मुअख्खिरु, ला इलाहा इल्ला अन्ता।
Allahumma-ghfir li ma qaddamtu wa ma akh-khartu, wa ma asrartu wa ma a’lantu, wa ma asraftu, wa ma anta a’lamu bihi minni. Anta al-muqaddimu wa anta al-mu’akhkhiru, la ilaha illa anta.
Ending
इसी तरह का इस्लामिक दुआ जैसे अज़ान के बाद की दुआ और अज़ान की दुआ सीखना चाहते है तो मेरे ब्लॉग पर पढ़ सकते हो।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी को दुआ ऐ मसुरा आसानी से याद हो गयी होगी। इस पोस्ट में आपको अच्छी तरह से सिखाने की कोशिश कि गई है।
दोस्तों आज हमे इस आर्टिकल की मदद से जाना की Due e Masura क्या होती है और ये दुआ को याद करना कितना जरूरी है, इस दुआ हम सब पाँच वक्त की नमाज़ मे तो पढ़ते ही है साथ साथ वित्र, सुन्नत और नफल नमाज़ मे इस दुआ को पढ़ा जाता है।
Due e Masura को नमाज़ मे सबसे आखिर मे पढ़ा जाता है और फिर इसके बाद सलाम फ़ैरते है।
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