Shab a Barat | 15वी शाबान की रात, इबादत की रात | Sunni

Shab a Barat | इबादत की रात

Shab a Barat: 15वी शाबान की रात, इबादत की रात- Ahle Sunnat

Shab a Barat: हज़रत कसीर बिन मुर्रा रजीअल्लाहो अनहा से रिवायत है : रसूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया,15वी शाबान की रात अल्लाह मुतवज्जह होता है। इस रात में वो तमाम को बख्श देता है सिवाए मुशरिक और किना रखने वालो को (अदावत वाले को)

संदर्भ: (मुसन्नफ इब्न अबी शायबा खंड: 09, पृष्ठ: 614, हदीस: 30462)

उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दिका रजीअल्लाहो अन्हा फरमाती है : रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया, मेरे पास जिब्रील अलैहसलाम आए ये शाबान की 15वीं रात है इसमे अल्लाह रब्बुल इज्जत इतना को आजाद करता है जितने बानी कल्ब की बकरियों के बाल हैं सिवाए (1)काफिर (2) मुशरिक (3) अदावत वाले, माँ बाप के नफ़रमान (4) शराबी इनकी तरफ नजर नहीं फरमाता है

संदर्भ (इमाम बैहाकी शुयबुल ईमान खंड: 03, पृष्ठ: 384, हदीस: 3837)

हज़रत अबू मूसा अशरी से मरवी है नबी ए अकरम ﷺ ने फरमाया अल्लाह ताला 15वी शब को ज़ुहूर फरमाता है और मुशरिक और चुगुलखोर के इलावा सबकी बख्शीश फरमा देता है

सन्दर्भ: (सुनन इब्न माजा, पृष्ठ: 247, किताब इक़ामा अस्सलाह वसुन्नह फिहा, बाब मा जा फी लैलतुल निस्फी शाबान, हदीस: 1390)

ग़ैर मुकल्लिदीन के नज़दीक एक और बहुत बड़े आलिम जिनको ये वहाबी बहुत मानते हैं शेख मुबारकपुरी उनहोने जमाई तिर्मिज़ी शरीफ़ की शरा लिखी जिस्म 15वी शाबान के फ़ज़ाइल पे हदीस नक़ल की हज़रत अली, हज़रत आयशा, हज़रत अब्दुल्ला इब्न उमर, हज़रत माज़ बिन जबल, हज़रत कसीर बिन मुर्रा रिज़वानुल्लाहि तआला आज़माईन से फिर आगे अपना फ़ैसला सुनाते है। तो ये अहादीस मजमूई तौर पर हुज्जत हैं उन लोगों के ख़िलाफ़ जो ये दावा करते हैं के कोई बात 15 शाबान की फ़ज़ीलत में साबित नहीं, वल्लाहु तआला आलम।

(अब्दुल रहमान मुबारकपुरी तोहफ़तुल अहवाज़ी शरा तिर्मिज़ी पृष्ठ: 442)

حضرت کسیر بن مرہ رضی اللہ عنہ سے روایت ہے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فارمایا، 15ویں شعبان کی رات اللہ متوجہ ہوتا ہے۔ اس رات میں وہ تمام کو بخش دیتا ہے سیوائے مشرک اور کینہ رکھنے والوں کو (عداوت والے کو)

حوالہ: (مصنف ابن ابی شیبہ جلد: 09، صفحہ: 614، حدیث: 30462)

اُم المومنین عائشہ صدیقہ رضی اللہ عنہا فرماتی ہیں : رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا، میرے پاس جبریل علیہ السلام آئے یہ شعبان کی 15وی رات ہے اسمے اللہ رب العزت اتنو کو آزاد کرتا ہے جیتنے بنی کلب کے بکریوں کے بال ہے سواۓ (1) کافر (2)مشرق (3)اداوت والے,ما باپ کے نافرمان (4) شرابي انکے طرح نظرے رحمت نہیں فرماتا ہے

حوالہ (امام بیہقی شعب الایمان جلد: 03، ص: 384، حدیث: 3837)

حضرت ابو موسیٰ اشعری سے مروی ہے نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم نہ فرمایا اللہ تعالیٰ 15وی شب کو ظہور فرماتا ہے اور مشرک اور چغل خور کے علاوہ سبکی بخشش فرما دیتا ہے

حوالہ جات: (سنن ابن ماجہ، ص: 247، کتاب اقامہ اصلاً وسنۃ فیہا، باب ما جا فی لیلۃ النصفی شعبان، حدیث: 1390)

غیر مکلیدین کے نزدیک ایک اور بہت بڑے عالم جنکو یہ وہابی بہت مانتے ہیں شیخ مبارکپوری انھونے جماعي ترمزی کی شرح لکھی جسمیں 15وی شعبان کی فضائل پر حدیث نقل کی حضرت علیؓ، حضرت عائشہؓ، حضرت عبداللہؓ، ، حضرت عمر، حضرت معاذ بن جبل ،حضرت کسیر بن مرہ رضوان اللہ تعالیٰ علیہ تعلہ اعظمی سے پھر آگے اپنا فیصلہ سناتے ہے ۔ تو یہ احادیث مجموعی تور پر حجت ہیں ان لوگو کے خلاف جو یہ دعوے کرتے ہیں کے کوئی بات 15 شعبان کی فضیلت میں ثابت نہیں، واللہ تعالیٰ اعلم

(عبدالرحمن مبارکپوری تحفۃ الاحوازی شارع ترمذی ص: 442)

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हज़रत कसीर बिन मुर्रा की रिवायत किस दिन है?

शाबान की 15वीं रात।

अल्लाह किस रात मुतवज्जह होता है?

शाबान की 15वीं रात।

किसे अल्लाह शाबान की 15वीं रात में बख्शीश नहीं देता?

मुशरिक और चुगलखोर को इलावा, किसी को भी अल्लाह शाबान की 15वीं रात में बख्शीश नहीं देता।

क्या हज़रत अली, हज़रत आयशा, हज़रत अब्दुल्ला इब्न उमर, हज़रत माज़ बिन जबल, और हज़रत कसीर बिन मुर्रा की रिवायत साबित है?

जी हां, उनकी रिवायत साबित है और ये उन लोगों के खिलाफ हैं जो शाबान की 15वीं रात की फजीलत में शक करते हैं।

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