अस्सलामु अलैकुम, उम्मीद है आप सब अच्छे से होंगे आज के इस आर्टिकल मे हम आपको बताएंगे की Baitul khala ki Dua और Baitul khala se Nikal ne ki Dua और इस दुआ को किस तरीके से पढ़ा जाता है इस दुआ को अपने दोस्त के पास शेयर करना न भूले।
Baitul khala ki Dua | बैतूल खला की दुआ
اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْخُبُثِ وَالْخَبَائِثِ
अल्लाहूम्मा इन्नी आउजु बिका मिनल खुबसी वल खबाइस
Allahumma inni aazu bika minal khubsi wal khabais
तर्जमा: ऐ अल्लाह में नापाक जिन्नों से तेरी पनाह मांगता हूँ
बैतूल खला में दाखिल होने का तरीक़ा?
जब भी बैतुल खला मे जाएँ तो अपने सर को टोपी या किसी कपड़े से ढांप कर जाना चाहिये,जब बैतुल खला में दाखिल हो तो पहले अपना बायां ( लेफ्ट) पैर अंदर दाखिल करे । और इकदम खामोश हो कर बेठ जाएँ बैतुल खला मे बोलना या बात करना मकरूह है। बैतुल खला में थूकने से दिमाग कमजोर होता है, और की भी चीज खाना मकरूह है।
हज़रत अनस रदीअल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब बैतुल खला तश्रीफ ले जाते, तो यह दुआ पढ़ते थे।”
Baitul khala se Nikal ne ki Dua | बैतूल ख़ला से निकल ने की दुआ
غُفْرَانَكَ الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَذْهَبَ عَنِّي الْأَذِى وَعَافَانِي
गुफरानका अल्हमदु लिल्लाही अल लजी अजहबा अन्नील अजा व आफानि
Gufranka Alhamdu Lillahi Al Laji Ajahba Annil Aja Wa Afani
तर्जमा: ऐ अल्लाह में तुझ से बख्शीश चाहता हूँ तमाम तारीफें अल्लाह के लिए है जिस ने मुझ से अजीयत दूर की और मुझे आफियत दी
बैतुल खला से निकलने का तरीक़ा
बैतुल खला से निकलते वक़्त अपना दायाँ (राइट) पैर बाहर निकाले बाहर निकलने के बाद ये दुआ पढ़े।
हदीस: रसूले करीम ﷺ जब बैतुल खला से बाहर तशरीफ लाते तो यह दुआ पढ़ते थे। ( मिश्क़त)
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