Bazar me Kharidne aur Bachne ki Dua

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे। आज हम आप को Bazar me Kharidne aur Bachne ki Dua बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।


Bazar me Kharidne aur Bachne ki Dua

Bazar me Kharidne aur Bachne ki Dua

तर्जुमा:

में अल्लाह का नाम ले कर दाखिल हुवा. ए अल्लाह ! मैं तुझ से इस बाज़ार की और जो कुछ इस बाज़ार में है इस की खैर तलब करता हूँ और तेरी पनाह चाहता हूँ इस बाज़ार के शर से और जो कुछ इस बाज़ार में है इस के शर से ए अल्लाह ! मैं तेरी पनाह चाहता हूँ इस बात से कि यहां झूटी कसम खाऊं या मुआमलात में टूटा खाऊं

फ़ज़ीलत:

हज़रत अबू हुरैरा (Radi Allahou Anhu) फरमाते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ जब बाज़ार जाते तो ये दुआ पढ़ते थे । बाज़ार में खरीद व फ़रोख़्त के नुक़सान से बचने के लिए पढ़ें। हिदायत बाज़ार में दाखिल होते वक़्त या बाज़ार की तरफ जाते वक़्त ये दुआ पढ़ें ।

हवाला: मिशकात २४५६। मोजम औसत ५५३४ । मुस्तद्रक हाकिम : १९७७ अन बुरेदा। हाकिम ५३९/१ । अज़्कार : २५९ । बसनद ज़ईफ


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