दूसरा कलमे (शहादत) की फजीलत->

काग़ज़ के पर्चे वाली मशहूर हदीस मे आया है के वो पर्चा जिसपर लिखा -

أَشْهَدُ أَن لَّا إِلَهَ إِلَّا اللهُ وَ أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ होगा वो उन निन्यानवे दफ़्तरो (आमालनामों) पर जिन मए से हर दफ़्तर हद तक (लंबा) होगा भारी हो जाएगा और वज़न बढ़ जाएगा।

हज़रत अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस से मरवी है कि रसूलउल्लाह ﷺ ने फरमायाः

अल्लाह तआला क़यामत के दिन मेरी उम्मत के एक आदमी को अपने हुजूर में तलब करेंगे, तो उसके खिलाफ निन्यानवे दफ़्तर बाये दराज़ (आमालनामों) को फैला दिए जाएगे, जिनमें से हर दफ़्तर नज़र के बराबर दराज़ होगा।