पहले कलमे (तय्यब) की 4 फजीलत->

1. हदीस शरीफ में आया है के वो जिक्र जो किसी वक्त, जगह और सबब के साथ मख़्सूस नहीं, वो "لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ“ है, यही सब से अफज़ल जिक्र है।

2. रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमायाः क़यामत के दिन मेरी शफाअत से सब से ज़ियादा बहरा वर वो शख्स होगा जिसने दिल व जान से यानी खुलुसे कल्ब के साथ "لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ“ कहा होगा।

3. रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमायाः जिस शख्स ने "لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ“ कहा उसके दिल में ज़ररा बराबर भी खुलुस या ईमान होगा वो दोज़ख से निकाल लिया जाएगा

4. जिस शख्स ने दिल से "لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ" कहा वो जन्नत में ज़रूर दाखिल होगा, अगर चे उसने ज़ीना और चोरी (जैसे गुनाह) भी किए हों

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