Shab e Barat ki Namaz | शब-ए-बारात की नमाज, फजीलत और बरकत

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे |आज हम आप को Shab e Barat ki Namaz | शब-ए-बारात की नमाज, बरकत और फजीलत बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।

शबे बारात बहुत ही बरकत ओ अज़मत वाली रात है। इस रात में मोमिन को अल्लाह की बारगाह में खूब इबादत करना चाहिए। ताकि जब हम शबे बारात में अल्लाह की इबादत करे तो अल्लाह हम से रज़ी हो जाए।

हज़रत सैय्यदना उसामा बिन ज़ैद رضي الله عنه फ़रमाते हैं : मैने अर्ज़ कीया, या रसूलअल्लाह ﷺ मै देखता हूं जिस तरह से आप शाबान में रोज़ा रखते हैं इस तरह किसी भी महीने मे नहीं रखते? फ़रमाया रज़्ज़ब और रमज़ान के दरमियान में महीना है लोग इससे ग़ाफ़िल हैं, इसमे लोगो का अमल अल्लाह रब्बुल आलमीन की तरफ़ उठते हैं और मुझे ये महबूब है के मेरे आमाल इस हाल में उठया जाए की मैं रोज़दार हू |


#1. मगरिब के बाद 6 रकात नमाज की फजीलत

शबे बारात में 6 रकात नमाज 2/ 2 रकात कर के पढ़े।

  • पहली दो रकात लंबी उमर के लिए।
  • फिर दो रकात मुसीबत और बला खतम होने के लिए।
  • फिर दो रकात हुसूल ए दौलत की नियत से पढ़े।
  • और हर दो रकात के बाद सूरह यासीन 1 बार या 21 बार सूरह इखलास और उसके बाद दुआएं शबुनल मोअज़्ज़म 1 बार पढ़ना।

#1.1 मगरिब के बाद की नफिल की नियत (Shab e Barat ki Namaz)

  • 1. नियत की मैंने 2 रकात नमाज नफिल लंबी उमर के लिए। वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
  • 2. नियत की मैंने 2 रकअत नमाज नफिल मुसीबत दूर करने के लिए। वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
  • 3. नियत की मैंने 2 रकात नमाज नफिल अल्लाह के सिवा किसी और का मुहताज न होने [माल के हुसूल के लिए] के लिए। वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

#2. शबे बारात में गुनाहो की माफ़ी की नमाज

शबे बारात में बाद नमाज ए मगरिब 2 रकात नमाज इस तरह पढ़े कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह हश्र की 3 आखिरी आयत 1 मरतबा और सूरह इखलास 3 बार पढ़े। अल्लाह ताला इस नमाज की बरकत से उसके तमाम गुनाहों को माफ फरमा देगा।

#3. हाजत पूरी करने की नमाज / सलातुल खैर

100 रकात नफिल नमाज इस तरह पढ़े कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 10 बार सूरह इखलास पढ़े। अल्लाह ताला उसकी तरफ 70 बार निगाह ए करम फरमाएगा। और हर निगाह में उसकी 70 हाजत पूरी होगी। सब से छोटी हाजत बख्शीश है। (गुनियातुत तालिबीन)

#4. उमर में बरकत की नमाज

हुजूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मेरा उम्मती शबे बरात में 10 रकात नफिल इस तरह पढ़े कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 11 बार पढ़े। तो उसके तमाम गुनाह माफ़ हो जायेंगे। और अल्लाह उसकी उमर में बरकत अता फरमा देगा। (नुज़हतुल मजलिस)

#5. रिज़क में बरकत की नमाज

शबे बारात में जो बंदा 2 रकात नमाज इस तरह पढ़े कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 1 बार आयतुल कुर्सी और 15 बार सूरह इखलास पढ़े। फिर 100 बार दुरूद शरीफ पढ़ कर अल्लाह से दुआ करे तो उसके रिज़ाक में बरकत होगी।

#6. अज़ाब ए क़बर से निजात और जन्नत में जाने की नमाज

8 रकात नमाज शबे बारात में जो इस तरह से पढ़े। हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 10 बार पढ़े। अल्लाह ताला इस नमाज़ पढ़ने वाले के लिए बे शुमर फ़रिश्ते मुक़र्रर कर देगा। जो अज़ब ए क़ब्र से निजात की और जन्नत में दाख़िल होने की ख़ुश ख़बरी देंगे।

नोट: जिस की क़ज़ा नामज़े बाकी हो ज़ियादा से ज़ियादा शबे बरात में क़ज़ा नमाज़ अदा करे। इसलिए कि कयामत के दिन फ़र्ज़ नमाज़ के बारे में मुझसे पूछा जाएगा।


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