Shab E Barat ki Namaz 2024 | शब-ए-बारात की नमाज

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है कि आप सभी खैरो-आफियत से होंगे। आज हम आपको शब-ए-बारात की नमाज़, बरकत और फजीलत के बारे में बताने वाले हैं।

जिसे आप आसानी से समझ कर Shab e Barat ki Namaz अदा कर पाएंगे यकीनन इसे पढ़ने के बाद आप फिर कभी शब ए बारात की नियत नहीं ढूढनी पड़ेगी तो इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें। उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़कर दूसरों तक भी पहुँचायेंगे।


Table of Contents

1. Shab e Barat ki Namaz | मगरिब के बाद 6 रकात नमाज

शब-ए-बारात में 6 रकात नमाज 2-2 रकात करके पढ़ें:

  • पहली 2 रकात लंबी उम्र के लिए
  • अगली 2 रकात मुसीबतों से निजात के लिए
  • आखिरी 2 रकात हुसूल ए दौलत (दौलत की प्राप्ति) के लिए

हर दो रकात के बाद सूरह यासीन 1 बार या सूरह इखलास 21 बार पढ़ें, और फिर दुआएं शबुनल मोअज़्ज़म पढ़ें।


1.1 Shab e Barat ki Namaz ki Niyat | मगरिब के बाद की नफिल की नमाज नियत

  1. लंबी उम्र के लिए | मगरिब की पहली 2 रकात की नियत
    नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल उम्र दराज व खैरो बरकत के लिए वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
  2. मुसीबत दूर करने के लिए | मगरिब की दूसरी 2 रकात की नियत
    नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल हर तरह की बला से हिफाजत के लिए वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
  3. हुसूल ए दौलत के लिए | मगरिब की तिसरी2 रकात की नियत
    नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल गैरों की मोहताजी से दूरी के लिए वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

इस नियत से आप शब ए बारात की रात मगरिब की नमाज के बाद 2 – 2 रकात की नियत से 6 रकात नमाज पढ़ेंगे ईशा के बाद इसे नहीं पढ़ सकते।


2. Shab e Barat ki Namaz | ईशा के बाद शब-ए-बारात की नमाज

अब ईशा के बाद सभी नमाज पढ़ें उसकी नियत नीचे जान लें।

  • गुनाहों की माफी की नमाज
  • हाजत पूरी करने की नमाज (सलातुल खैर)
  • उमर में बरकत की नमाज
  • रिज़क में बरकत की नमाज
  • अज़ाब-ए-क़ब्र से निजात और जन्नत में दाख़िल होने की नमाज

2. Shab e Barat ki Namaz | ईशा के बाद की नफिल नमाज का तरीका

  1. गुनाहों की माफी की नमाज | 2 रकात नमाज इस तरह पढ़ें:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह हश्र की आखिरी 3 आयतें 1 बार और सूरह इखलास 3 बार पढ़ें।
    इस नमाज की बरकत से अल्लाह उसके तमाम गुनाह माफ़ फरमा देगा।
  2. हाजत पूरी करने की नमाज (सलातुल खैर) | 100 रकात नफिल नमाज इस तरह पढ़ें:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 10 बार पढ़ें।
    अल्लाह ताला 70 बार निगाह-ए-करम फरमाएगा, और हर बार 70 हाजत पूरी होगी, जिसमें सबसे छोटी हाजत बख्शीश है।
  3. उमर में बरकत की नमाज | 10 रकात नफिल
    हज़रत मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:
    “मेरा उम्मती शब-ए-बारात में 10 रकात नफिल इस तरह पढ़े कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 11 बार पढ़े।”
    अल्लाह उसकी उम्र में बरकत अता फरमाएगा और उसके गुनाह माफ़ कर देगा।
  4. रिज़क में बरकत की नमाज | 2 रकात नमाज
    शब-ए-बारात में 2 रकात नमाज इस तरह पढ़ें:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 1 बार आयतुल कुर्सी और 15 बार सूरह इखलास पढ़ें।
    100 बार दुरूद शरीफ पढ़कर अल्लाह से दुआ करें। इससे रिज़क में बरकत होगी।
  5. अज़ाब-ए-क़ब्र से निजात और जन्नत में दाख़िल होने की नमाज | 8 रकात नमाज
    8 रकात नमाज इस तरह पढ़ें:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 10 बार पढ़ें।
    अल्लाह फरिश्तों को मुक़र्रर कर देगा जो अज़ाब-ए-क़ब्र से निजात और जन्नत में दाख़िल होने की ख़ुशख़बरी देंगे।

Note:
जिसकी क़ज़ा नमाज बाकी हो, उसे शब-ए-बारात में ज़्यादा से ज़्यादा क़ज़ा नमाज अदा करनी चाहिए, क्योंकि क़यामत के दिन सबसे पहले नमाज के बारे में पूछा जाएगा।

शब ए बारात की नमाज की नियत इस तरह से करें कि सबसे पहले आप मक्का की रूख करके खुद खड़े हो जाएं इसके बाद शब ए बारात की नमाज की नियत पढ़ें और अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांध लें।

नियत आप अल्फाज के जरिए पढ़ सकते हैं तो पढ़ें नहीं तो दिल में इरादा रखें कि ये नमाज शब ए बारात की अपने रब की रजा और अपने मुराद के लिए पढ़ रहा हुं।


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FAQ

  1. शब-ए-बरात की नमाज़ मगरिब के बाद कैसे पढ़ी जाती है?

    मगरिब के बाद शब-ए-बरात में 6 रकात नमाज़ 2-2 रकात करके पढ़ी जाती है:
    पहली 2 रकात लंबी उम्र के लिए।
    अगली 2 रकात मुसीबतों से निजात के लिए।
    आख़िरी 2 रकात हुसूल-ए-दौलत के लिए।
    हर 2 रकात के बाद सूरह यासीन 1 बार या सूरह इख़लास 21 बार पढ़ें, फिर दुआ करें।

  2. शब-ए-बरात की मगरिब के बाद की नमाज़ की नियत कैसे करें?

    लंबी उम्र के लिए: “नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ शब-ए-बरात की नफ़्ल उम्र दराज़ और खैर-ओ-बरकत के लिए, वजह अल्लाह तआला, काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।”
    मुसीबतें दूर करने के लिए: “नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ शब-ए-बरात की नफ़्ल हर तरह की बला से हिफ़ाज़त के लिए, वजह अल्लाह तआला, काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।”
    हुसूल-ए-दौलत के लिए: “नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ शब-ए-बरात की नफ़्ल ग़रीबों की मोहताजी से दूरी के लिए, वजह अल्लाह तआला, काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।”

  3. शब-ए-बरात की ईशा के बाद की नमाज़ का क्या तरीक़ा है?

    ईशा के बाद शब-ए-बरात में निम्न लिखी गई नमाज़ें पढ़ी जाती हैं:
    गुनाहों की माफ़ी के लिए – 2 रकात।
    हाजत पूरी करने के लिए (सलातुल खैर) – 100 रकात।
    उम्र में बरकत के लिए – 10 रकात।
    रिज़्क़ में बरकत के लिए – 2 रकात।
    अज़ाब-ए-क़ब्र से निजात के लिए – 8 रकात।

  4. शब-ए-बरात में गुनाहों की माफ़ी के लिए नमाज़ कैसे पढ़ें?

    2 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह हश्र की आख़िरी 3 आयतें 1 बार और सूरह इख़लास 3 बार पढ़ें।

  5. सलातुल-खैर का तरीक़ा क्या है?

    सलातुल-खैर (100 रकात हाजत पूरी करने की नमाज़) का तरीक़ा:-
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इख़लास 10 बार पढ़ें।
    इसके ज़रिए अल्लाह तआला 70 बार नज़र-ए-करम फरमाता है और हर बार 70 हाजतें पूरी करता है।

  6. उम्र में बरकत के लिए शब-ए-बरात में नमाज़ कैसे पढ़ें?

    10 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इख़लास 11 बार पढ़ें।

  7. रिज़्क़ में बरकत के लिए नमाज़ का तरीक़ा क्या है?

    2 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद आयतुल कुर्सी 1 बार और सूरह इख़लास 15 बार पढ़ें।
    नमाज़ के बाद 100 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ें और दुआ करें।

  8. अज़ाब-ए-क़ब्र से निजात के लिए कौन सी नमाज़ पढ़ी जाती है?

    8 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है:
    हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इख़लास 10 बार पढ़ें।

  9. शब-ए-बरात की नमाज़ की नियत कैसे की जाती है?

    नियत करते वक्त क़िबला की तरफ़ रुख़ करके नियत करें और “अल्लाहु अकबर” कहकर नमाज़ का आग़ाज़ करें।

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