Safar ki Dua | सफर की दुआ | Dua For Travel | Easy to Read

अस्सलामु अलैकुम्, उम्मीद है के आप सभी खैरो आफियत से होंगे |आज हम आप को Safar ki Dua | सफर करने का तरीका बताने वाले हैं उम्मीद है आप इस पोस्ट को पढ़ कर दूसरों तक भी पहुॅचायेंगे।

जैसा हम सभी जानते है आज के समय मे हर इंसान हर दिन सफर करता है लेकिन एक मूलमान होने के नाते हमे चाहिए हम अपना सफर भी अल्लाह के नबी की सुन्नत के मुताबिक करे जिसमे इनशाल्लाह खैर होगी।

हादसों और सफर मे आने वाली किसी भी किस्म की परेशानी से बचने के लिए अल्लाह के नबी ने हमे Safar Ki Dua बताई। अगर आप सफर पर जाने से पहले इस दुआ को पढ़ेंगे तो इनशाल्लाह अल्लाह ताला आपको हर किस्म के हादसों और परेशानी से हिफ़ाज़त करगा।

जैसा हम सभी जानते एक मुसलमान को अपनी जिदंगी मे सारे काम सुन्नत तरीके से करने चाहिए ताकि इस दुनिया और आखिरत मे अपनी ज़िंदगी को आसान बना सके इसलिए किसी भी सफर पर जाने से पहले इस दुआ को पढे।


Safar ki Dua | सफर की दुआ | Dua For Travel

Safar ki Dua

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन

Subhannallazi sakhkhar lana haza wama kunna lahu muqarinin, wa inna ila rabbina lamunqalibun


सफर की दुआ का तर्जुमा :-

अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है


Ghar se Nikalne ki Dua | घर से निकलने की दुआ

Ghar se Nikalne ki Dua

तर्जुमा:- अल्लाह के नाम से (घर से निकलता हूँ) मैं ने अल्लाह पर भरोसा किया अल्लाह के बगैर न ताक़त है (गुनाहों से बचने की) और न कुव्वत है (नेकियां करने की)

फ़ज़ीलत:- रसूलुल्लाह ने फरमायाः जो शख्स घर से निकलते वक़्त ये दुआ पढ़ता है, तो (फ़रिश्ते के ज़रिए) उससे कहा जाता है: ‘कूफ़ीत ववूकीत (तेरी किफायत की गई, यानी तुझे मकासिद में कामयाबी मिलेगी और दुश्मनों के शर और फ़साद से तेरी हिफ़ाज़त की गई है) और शैतान उससे दूर हो जाता है।

जो शख्स सफ़र के लिए घर से रवाना होते वक़्त ये दुआ पढ़े गा, शैतान और दुश्मनों से महफूज़ रहेगा और हर मुश्किल आसान हो जाएगी ।

हवाला:- मिशकात २४४३। अब्बू दाऊद ५०९५। तिरमिज़ी ३४२६ । अन अनस। तिर्मिज़ी जिल्द १८१/२


Safar ki Dua Ki Photo

Safar ki Dua Ki Photo

सफर करने का सुन्नत तरीका 👇

  • 1. जुमेरात के दिन सफर शुरू करना पसंदीदा (पसंद किया गया) है (बुखारी शरीफ)
  • 2. सुबह सवेरे सफर करना मुबारक (बरकत का सबब) है (मिशकात शरीफ)
  • 3. ज़ोहर के बाद सफर करना भी नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) से साबित हैआप ने हज्जतुल विदा के सफर के लिए निकले थे तो उस सफ़र की इब्तिदा जोहर के बाद फरमाई (बुखारी शरीफ)
  • 4. बेहतर है कि सफर से पहले कोई बेहतर रफीक़े सफर (साथी) तलाश कर लिया जाए ताकि वह जरूरत के वक्त मददगार और सामान की हिफ़ाज़त करने वाला हो
  • 5. जब सफर में कई साथी हो तो बेहतर है कि उनमें जो शख्स सबसे ज्यादा समझ बूझ रखता हो उसे अमीर बना लिया जाए
  • 6. सफर के लिए घर से निकलने से पहले 2 रकात नफ्ल पढ़ना मसनून हैनबी अकरम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फरमाया : घर से निकलते वक्त 2 रकात नमाज पढ़ लो तो सफर की तमाम ना पसंदीदा बातों से महफूज़ रहोगे (बुखारी शरीफ)
  • 7. सफर में जाने वाले से दुआ की दरखास्त भी साबित है इसलिए कि मुसाफिर की दुआ कबूल होती है
  • 8. अगर कोई दुश्वारियां या उज्र ना हो तो सफर में बीवी को साथ ले जाना मसनून है इसमें आसानी के साथ नफ्स की भी हिफाजत रहती है
  • 9. जब काम पूरा हो जाए तो जल्द से जल्द सफर से वापस हो जाना चाहिए (बुख़ारी शरीफ़)
  • 10. सफ़र से वापसी पर घर वालों के लिए कुछ तोहफा और हदिया लाना सुन्नत है12. वापस होकर मस्जिद में जाकर या अपने घर में 2 रकात नमाज पढ़ना सुन्नत है13. सफ़र से वापसी पर मुआन्क़ा (गले लगना) सुन्नत है

Safar ki Dua Padhne Ka Tarika :

हदीस: रसूल अल्लाह ﷺ जब सफर करते, तो सवार होकर तीन मर्तबा यह (दुआ) पढ़ते। जब सवारी पर पैर रखे, तो “बिस्मिल्लाह” पढ़ें। जब सवारी पर बराबर बैठ जाएं, तो “अल्हम्दुलिल्लाह” पढ़ें, फिर यह दुआ पढ़ें। इसके बाद तीन बार “अल्हम्दुलिल्लाह” और तीन बार “अल्लाहु अकबर” और एक बार “ला इलाहा इल्लल्लाह” कहें।”( मिश्कात्)


हदीस :

  • रावी कहते हैं कि मैंने हज़रत अली रदियअल्लाहु अन्हु को देखा कि उनके पास सवारी के लिए एक सवारी लाई गई। उन्होंने जब रकाब में पैर रखा तो “बिस्मिल्लाह” पढ़ा, जब सवारी की पीठ पर बराबर बैठ गए तो “अल्हम्दुलिल्लाह” पढ़ा, फिर यह दुआ पढ़ी: “सुब्हानल्लधी…” फिर तीन “अल्हम्दु” मद, “लिल्लाहिल्लाह” और तीन मर्तबा “अल्लाह मर्तबा” पढ़े।
  • उन्होंने कबीर पढ़ा, फिर यह दुआ पढ़ी… फिर आप हँसे, पूछा गया कि ऐ अमीरुल मुमिनीन! आपने किस बात पर हंसी फरमाई: मैंने रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को ऐसा ही करते हुए देखा था जैसा मैंने किया, फिर उस के बाद अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हंसे, तो मैंने पूछा कि ऐ अल्लाह के रसूल! आपने किस बात पर हंसी फरमाई?
  • तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा कि तुम्हारा रब अपने बंदे से ख़ुश होता है, जब वह यह कहता है: ऐ मेरे रब! मेरे गुनाहों को बख्श दे। इस बात पर खुश होता है के मेरा बन्दा ये जनता है के मेरे अलावा कोई गुनाहों को बख्शने वाला नही है ( मिश्कात् )

Sawari Par Baithne ki Dua | सवारी पर बैठने की दुआ

sawari par baithne ki dua

Alhamdulillah allazi sakhara lana haza wama kunna lahu muqrineena wa inna ila rabbina lamunqaliboon. La ilaha illa anta subhanaka inni zalamtu nafsi faghfir li innahu la yaghfiruz-zunooba illa anta.


Daurane Safar Ki Dua | दौराने सफ़र की दुआ

Daurane Safar Ki Dua

Allahumma anta as-sahibu fis-safari wal-khalifatu fil-ahli. Allahumma as’habna fi safarina wakhlufna fi ahlina.


सवारी (जानवर गाड़ी वगैरह) से परेशानी पर पढ़ने की दुआ

सवारी (जानवर गाड़ी वगैरह) से परेशानी पर पढ़ने की दुआ

Afaghaira deeni Allahi yabghoon wa lahu aslama man fis-samawati wal-ardi taw’an wa karhan wa ilayhi yurja’oon.

तर्जुमा :- अब क्या ये लोग अल्लाह के दीन के इलावा किसी और दीन की तलाश में हैं? हालाँकि आसमानों और ज़मीन में जितनी मख़लूक़ात हैं इन सब ने अल्लाह ही के आगे गर्दन झुका रखी है, (कुछ ने) ख़ुशी से और (कुछ ने) नाचार हो कर और उसी की तरफ़ वह सब लौट कर जाऐंगे (८३)

फ़ज़ीलत:- अगर सवारी का कोई जानवरः घोड़ा, ऊंट सवारी के वक़्त शोख़ी व शरारत करे और चढ़ने न दे इस आयत को तीन मर्तबा पढ़ कर उस के कान में फूंक दे इंशा अल्लाह ताला सीधा हो जाएगा।

हवाला:- आले इमरानः ८३


सफर में सवारी छूट जाये तो दुआ

सफर में सवारी छूट जाये तो दुआ

A’eenu ya ‘ibadAllah rahimakumAllah.


सफर में जरूरत के वक्त की दुआ

सफर में जरूरत के वक्त की दुआ

Ya ‘ibad Allah a’inooni, ya ‘ibad Allah a’inooni, ya ‘ibad Allah a’inooni.


Safar me Hifazat ki Dua | सफर में हिफाज़त की दुआ

safar me hifazat ki dua

Bismillah majreiha wa mursaaha inna rabbi laghafoorur raheem.


Manzil Par Utarne ki Dua | मंज़िल पर उतरने की दुआ

Manzil Par Utarne ki Dua

Rabbi anzilni munzalan mubarakan wa anta khairul munzileen

तर्जुमा:- या रब ! मुझे ऐसा उतरना नसीब कर जो बरकत वाला हो, और तु बेहतरीन उतारने वाला है। (२९)

हवाला:- अल मोमिनून २९, फ़वाइद तमामुर राज़ी १६८०


सफर से वापस घर में दाखिल होने की दुआ

सफर से वापस घर में दाखिल होने की दुआ

Auban aw birabbina tawabba la yughadiru alayna hauban.


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सफर की दुआ कौन सी है?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

What is the Dua for travel?

Subhannallazi sakhkhar lana haza wama kunna lahu muqarinin, wa inna ila rabbina lamunqalibun

यात्रा करते समय दुआ कैसे बनाते हैं?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

दुआ अल सफर क्या है?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

इस्लाम में यात्रा करते समय क्या कहना है?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

गाड़ी चलाने से पहले की दुआ क्या है?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन |

सफर में सफर करने की दुआ क्या है?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

सफर करने का सुन्नत तरीका?

1. जुमेरात के दिन सफर शुरू करना पसंदीदा (पसंद किया गया) है (बुखारी शरीफ)
2. सुबह सवेरे सफर करना मुबारक (बरकत का सबब) है (मिशकात शरीफ)
3. ज़ोहर के बाद सफर करना भी नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) से साबित हैआप ने हज्जतुल विदा के सफर के लिए निकले थे तो उस सफ़र की इब्तिदा जोहर के बाद फरमाई (बुखारी शरीफ)
4. बेहतर है कि सफर से पहले कोई बेहतर रफीक़े सफर (साथी) तलाश कर लिया जाए ताकि वह जरूरत के वक्त मददगार और सामान की हिफ़ाज़त करने वाला हो
5. जब सफर में कई साथी हो तो बेहतर है कि उनमें जो शख्स सबसे ज्यादा समझ बूझ रखता हो उसे अमीर बना लिया जाए

सफर की दुआ हिंदी में?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

Safar ki Dua in English?

Subhannallazi sakhkhar lana haza wama kunna lahu muqarinin, wa inna ila rabbina lamunqalibun

What is the powerful Dua for travelling?

Subhannallazi sakhkhar lana haza wama kunna lahu muqarinin, wa inna ila rabbina lamunqalibun

Safar ki Dua?

Subhannallazi sakhkhar lana haza wama kunna lahu muqarinin, wa inna ila rabbina lamunqalibun

सफ़र की दुआ?

सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन | तर्जुमा:-अल्लाह पाक है जिसने उसको हमारे कब्जा में दे दिया और उसकी कुदरत के बगैर हम उसे कब्जा में करने वाले ना थे और बिलशुभा हम को अपने रब की तरफ जाना है

सफर से वापस घर में दाखिल होने की दुआ?

Auban aw birabbina tawabba la yughadiru alayna hauban.

सवारी पर बैठने की दुआ?

Alhamdulillah allazi sakhara lana haza wama kunna lahu muqrineena wa inna ila rabbina lamunqaliboon. La ilaha illa anta subhanaka inni zalamtu nafsi faghfir li innahu la yaghfiruz-zunooba illa anta.

दौराने सफ़र की दुआ?

Allahumma anta as-sahibu fis-safari wal-khalifatu fil-ahli. Allahumma as’habna fi safarina wakhlufna fi ahlina.

सवारी (जानवर गाड़ी वगैरह) से परेशानी पर पढ़ने की दुआ?

Afaghaira deeni Allahi yabghoon wa lahu aslama man fis-samawati wal-ardi taw’an wa karhan wa ilayhi yurja’oon.

सफर में सवारी छूट जाये तो दुआ?

A’eenu ya ‘ibadAllah rahimakumAllah.

सफर में जरूरत के वक्त की दुआ?

Ya ‘ibad Allah a’inooni, ya ‘ibad Allah a’inooni, ya ‘ibad Allah a’inooni.

सफर में हिफाज़त की दुआ?

Bismillah majreiha wa mursaaha inna rabbi laghafoorur raheem.

मंज़िल पर उतरने की दुआ?

Rabbi anzilni munzalan mubarakan wa anta khairul munzileen

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