Assalamu Aleikum, I hope you all are well. Today we will tell you Durood E Fath | Translation and Fazilat | in Hindi, and English. Hope you will read this post and share it with others.
Durood e Fath | In Arabic, Hindi and English
اللَّهُمَّ صَلِّ وَسَلِّمُ وَبَارِكْ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ الْفَاتِحِ لِمَا أُعْلِقَ وَالْخَاتِمِ لِمَا سَبَقَ النَّاصِرِ الْحَقِّ بِالْحَقِّ وَالْهَادِي إِلَى صِرَاطِكَ الْمُسْتَقِيمَ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَعَلَى آلِهِ وَأَصْحَابِهِ حَقَّ قَدْرِهِ وَمِقْدَارِهِ الْعَظِيمِ
अल्लाहुम्मा सल्ली वसल्लिम वबारिक आला सैय्यदीना मुहम्मदीनिल फातिही लीमा उघलीका वल खातिमी लीमा सबाका वान नासिरिल हक्का बिल हक्की वल हादी इला सिरातिकाल मुस्तकीमी सल्लल लाहू अलैहि वा अला आली वा अशबिही हक्का कादरीही मिकदारीहिल अज़ीम।
ALLAHUMMA SALLI WASALLIM WABARIK ALA SAYYIDINA MUHAMMADINIL FAATIHI LIMA UGHLIQA WAL KHAATIMI LIMA SABAKA WAN NAASIRIL HAQQA BIL HAQQI WAL HAADI ILA SIRAATIKAL MUSTAQEEMI SALLAL LAAHU ALAIHI WA ALA AALI WA ASHABIHI HAQQA QADRIHI MIQDAARIHIL AZEEM.
Durood e Fath Tarjuma (तर्जुमा)
ऐ अल्लाह! मुहम्मद ﷺ पर अपनी रहमत, सलामती और बरकतैन नाज़िल फ़रमा, जो हमारे सरदार हैं, जो बंद दरवाज़ों को खोलते हैं, जो पहले से होने वाली चीज़ों को ख़तम करते हैं, जो हक़ को हक़ के साथ मदद देते हैं और जो इंसानियत को तेरे सीधे रस्ते की तरफ रहनुमाई करते हैं। उन पर, उन के अहले बैत और सहाबा ईकराम पर तेरी रहमतैन नाज़िल हो, जैसा के उन के अज़ीम रुतबे और आला मक़ाम के मुताबिक़ हैं।
Durood e Fath Translation
“O Allah! May Thy grace, peace and blessings rest on Muhammad, our Master, who opens that which is closed, and closes that which is preceded, who helps truth with truth, and who guided mankind to Thy straight path. May blessings of Allah be on him and his Family and Companions as according to his exalted position befitting his merit and his high rank”.
Durood e Fath Fazilat (फ़ज़ीलत)
दरहकीकत, ये दुरूद शरीफ कुरान पाक में मौजुद है; लेकिन फिर ये राज़ में रखा गया था। हज़रत अबू बकर सिद्दीकी (रदिअल्लाहु अन्हु), जो इस्लाम के पहले खलीफा थे, रोज़ाना इस का पालन नहीं करते थे। बाज़ रिवायत के मुताबिक, इसी दुरूद की वजह से उन्हें “सिद्दीकी” का लक़ब दिया गया, जो “हक़ का गवाह” के म’नी में है।
हज़रत अबुल मुक़करब (रदिअल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अगर कोई शख़्स चालीस दिन तक मुसलसल दुरूद-ए-फ़तह पड़े, तो उस के तमम गुनाह धुल जाएंगे।
हज़रत शेख मुहम्मद बकरी (रदिअल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि दुरूद-ए-फ़तह का एक बार पढ़ना, पढ़ने वाले को जहन्नम की आग से निजात मिलता है।
हज़रत सैयद अहमद हिल्लम (रदिअल्लाहु अन्हु) कहते हैं दुरूद-ए-फ़तह हज़रत ग़ौस-ए-आज़म, शेख अब्दुल कादिर जिलानी (रदिअल्लाहु अन्हु) की सब से पसंदीदा आदत थी, जो बगदाद शरीफ के रहने वाले थे।
अज़ीम औलिया भी कहते हैं दुरूद-ए-फ़तह हक़ीक़ी और असल रोशनी है।
हज़रत शेख यूसुफ बिन इस्माइल (रदिअल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि ये दुरूद शरीफ अल्लाह का सब से बड़ा राज़ है। ये पढ़ने वाले को 100% कामयाबी और ख़ुशी अता करता है। दरहक़ीक़त, ये दुरूद शरीफ़ ख़ुशहाली और फ़ज़ल लाता है और अल्लाह की रहमत से तमाम मसाइल को हल करता है। जब कोई शख़्स दुरूद शरीफ़ को पढ़ता है तो अल्लाह के फ़रिश्ते उस के गिर्द घेर लेते हैं, रहमत उस पर छा जाती है और सलामती उस पर नाज़िल होती है।
Durood e Fath Benefits
Actually, this Durood Shareef is in the Holy Quran; but then it was kept a secret. Hadrat Abu-Bakr Siddique (radi Allahu anhu), the first Caliph of Islam, used to recite it daily without fail. Some narrations say that it is because of this Durood that he was awarded the title of “Siddique” which means “Testifier to the Truth”.
Hadrat Abul Muqqarab (radi Allahu anhu) says that a man’s total sins will be washed away if he recites Durood-e-Fath for forty days continuously.
Hadrat Shaikh Muhammad Bakari (radi Allahu anhu) says that the recitation of Durood-e-Fath once a day relieves the reciter from the Fire of Hell.
Hadrat Syed Ahmed Hillam (radi Allahu anhu) says that Durood-e- Fath was the most favourite routine of Hadrat Ghaus-e-Azam, Sheikh Abdul Qaadir Jilani (radi Allahu anhu) of Baghdad Shareef.
The great Saints also say that Durood-e-Fath is actual and real light.
Hadrat Sheikh Yusuf Bin Ismail (radi Allahu anhu) says that this Durood Shareef is the greatest mystery of Allah. It brings 100% success and happiness to the reciter. In fact, this Durood Shareef brings prosperity and favour and solves all the complex problems by the Grace of Allah. When a man recites this Durood Shareef, the Angels of Allah surround him, mercy covers him and peace starts descending on him.
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