Dastarkhwan Uthane ki Dua | दस्तरख्वान उठाने की दुआ | Easy

अस्सलामु अलैकुम, उम्मीद है आप सब अच्छे से होंगे आज के इस आर्टिकल मे हम सबके काम आने वाली दुआ Dastarkhwan Uthane ki Dua | दस्तरख्वान उठाने की दुआ  बताएंगे।

दोस्तों खाना खाने से पहले की दुआ और खाने की बाद की दुआ तो सभी लोगो को मालूम होती है, लेकिन दस्तरख्वान, जिस पर खाना खाते है उसको उठाते समय कुछ भी नहीं पढ़ते।

दोस्तों अक्सर ऐसा होता है की हम दस्तरख्वान बिछाकर खाना तो खा लेते है लेकिन जब उसे उठाते है तो दुआ पढ़ना भूल जाते है, और हमारे बहुत से भाई-बहन को तो शायद यह दुआ याद भी न हो।

आइए देखते है वह कौन-सी दुआ है जो दस्तरख्वान उठाते और बिछाते समय पढ़नी चाहिए।

दोस्तों जब भी घर या कही और खाना दस्तरखान पर ही खाना चाहिए क्योंकि हमारे नबी करीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है. जिसकी वजह से सुन्नत पर अमल करने के लिए बहुत ज्यादा सवाब मिलेगा।

दूसरी अगर खाने का लुकमा गिरे तो दस्तरखान से उठा कर खा सके।


Dastarkhwan Uthane ki Dua | दस्तरख्वान उठाने की दुआ

Dastarkhwan Uthane ki Dua

अल् हम्दु लि ल्लाहि हम्दन कसीरन तय्यबम मुबा-रकन फ़ीहि गै-र मुक़फ़ीयिन व ला मुवद्दइन व ला मुस्तग्न न अन्हु रब्बना०

alhamdu lillahi hamdan kaseeran tayyiban mubarakan feehi gaira mukfi-wala muwadda-in wala mustagnan anhu rabbana


तर्जुमा :- सब तारीफ़ अल्लाह के लिए ऐसी तारीफ़ जो बहुत हो और पाकीज़ा हो और बा बरकत हो। ए हमारे रब ! हम इस खाने को काफ़ी समझ कर या बिलकुल रुख़स्त करके या इस से गैर मोहताज हो कर नहीं उठा रहे हैं

फ़ज़ीलत :- हज़रत अबु उमामा (Radi Allahou Anhu) से मरवी है कि जब रसूल अल्लाह ﷺ के सामने से दस्तर खान उठाया जाता, तो आप यह दुआ पढ़ते थे। जब खाना खा चुके तो ये दुआ पढ़ें।

हवाला :- मिशकात ४१९९ । बुख़ारी ५४५८ । मुअज़्ज़म कबीर ७४७२ । अबी उमामा (Radi Allahou Anhu)। इब्न सुनी १६३ । रक़म तिरमिज़ी: ३४५६ । अबू दाउद ५३८ । बुखारी : ८२०/२


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